Not known Facts About Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana
लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।
आपके साथ ऐसी दिक्कत ना हो और डर कम हो, इसके लिए आप कुछ अच्छे दोस्त बनायें, उनके साथ समय बिताएं.
किताबें, कहानियां, कविताओं के काफी करीब है, या तो बोलती नहीं है और जब बोलती है तो चुप नहीं होती। लिखना शौक है और पेशा भी।
ध्यान-साधना हमारे मन को शांत करते हैं और किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देते हैं। यह हर उस व्यक्ति के लिए उत्तर है जिनका प्रश्न है कि मन के डर को कैसे निकालें।
लाइफस्टाइल से जुड़े हर सवाल का जवाब मिलेगा यहां। iDiva हिंदी है आज की नारी की ऑनलाइन बेस्ट फ्रेंड।
यह याद रखना जरूरी है कि कभी-कभी डरना भी ठीक होता है। जब हम अपने अंदर के डर को नकारने लगने हैं तो यह हमारी चिंता का कारण बनता है। किसी के मन में डर एक ऐसी स्थिति के कारण पैदा होता है जो आपके नियंत्रण से बाहर होती है। ऐसा स्थिति में डर लगना हमारी एक सामान्य प्रतिक्रिया हो सकती है। इस डर में होने पर बुरी तरह से बहकने या तेजी से प्रतिक्रिया करने के बजाय, इसे स्वीकार करें। स्वीकृति आपके डर पर काबू पाने का पहला कदम है। डर लगना बुरी बात नहीं, इससे दूर भागना बुरी बात है।
डर कई प्रकार के होते हैं और हर व्यक्ति के अनुभव अलग हो सकते हैं:
ध्यान और माइंडफुलनेस हमें अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह डर के पीछे की असल वजहों को उजागर करता है।
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कई बार, हम लोग किसी स्थिति को खुद पर इतना हावी कर लेते हैं कि इसके लिए हमारे अंदर एक डर डेवलप हो जाता है जिसके कारण हम इनसिक्योर हो जाते हैं और इस डर से लड़ने की अपनी क्षमता को खो देते हैं। हम में से हर इंसान को किसी ना किसी चीज का डर होता है। get more info किसी के लिए यह डर किसी को खोने का हो सकता है, या किसी काम को सक्सेसफुल तरीके से ना करने का, या फिर किसी के लिए यह डर अकेले रहने का हो सकता है।
“मैं हर परिस्थिति में शांत और आत्म-विश्वासी हूँ।”
अपने डर को तर्क से तोलें – “सबसे बुरा क्या हो सकता है?”
जो बीत गया सो बीत गया। अक्सर हम बीती हुई बातों को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं जैसे कि अगर कुत्तों से डरते हैं तो पहले कभी कुत्तों से कोई बुरा अनुभव हुआ होगा।
आपने जाना कि आपका डर तर्कसंगत नहीं है, यानि उससे डरने का असल में कोई मतलब नहीं है।